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मंगलमय हो नव वर्ष ( कविता )
वर्ष 2018 सबके लिए मंगलमय हो !
मंगलमय हो नव वर्ष
मंगलमय हो नया वर्ष
औ बनकर अमर जिओं तुम
होठों से मुस्कान मिटे ना
फूलों फलो सदा तुम !
नववर्ष की शुभ बेला में
क्या दूँ मैं उपहार तुम्हें
सिवा स्नेह के तुमको दूँ क्या
प्रबल विवशता मेरी हैं
एक दुआ बच रही शेष यह
अंतिम निधि वह मेरी है
कर लो गर स्वीकार इसे तो
हो धन्य भाग्य और प्रफुलित मन
इससे बढ़कर सफलता कब
आयेगी मेरे जीवन में
जीवन सफल सदा तुम्हारा हों
निरंतर शुभकामना यह मेरी हैं ।
- डॉ. सविता श्रीवास्तव
एम.ए., पीएच.डी.,एल.एल.बी.
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